विभाग के बारे में परिवार एवं पीढ़ी विभाग

विभाग में जनसांख्यिकी, समाजशास्त्र, मानव विज्ञान, सांख्यिकी, अर्थशास्त्र, भूगोल, सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा विज्ञान सहित बहु-विषयक पृष्ठभूमि वाले छह संकाय सदस्य हैं। संकाय सदस्य आईआईपीएस में विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए जनसंख्या नीतियां और कार्यक्रम, स्वास्थ्य और परिवार नियोजन कार्यक्रमों का मूल्यांकन और प्रबंधन, सामाजिक कल्याण और विकास नीतियां, स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली, बढ़ती हुई उम्र वाली जनसंख्या, लिंग मुद्दे, सामाजिक विज्ञान और अनुसंधान पद्धति जैसे विभिन्न विषयों को पढ़ा रहे हैं। वर्तमान में भारत में दो प्रमुख उम्र बढ़ने के सर्वेक्षण - भारत में अनुदैर्ध्य उम्र बढ़ने का अध्ययन (एलएएसआई) और वैश्विक उम्र बढ़ने और वयस्क स्वास्थ्य का अध्ययन (एसएजीई) - इस विभाग के संकाय के प्रमुख समन्वय के तहत हैं। हम स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय , यूनिसेफ, UNFPA और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा प्रायोजित विभिन्न अन्य सर्वेक्षणों/अध्ययनों का भी समन्वय कर रहे हैं। इन अध्ययनों में अक्सर प्रत्यक्ष नीतिगत निहितार्थ होते हैं, और उनके निष्कर्ष साक्ष्य-आधारित संकेतक प्रदान करते हैं, जिनका उपयोग सरकारों द्वारा नीति निर्माण और कार्यक्रम मूल्यांकन में किया जाता है। हमारे द्वारा किए गए कई परियोजना अध्ययनों ने राज्यों में विशेष रूप से बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और कमजोर सामाजिक समूहों के लिए कल्याणकारी नीतियों और उपायों की आलोचनात्मक जांच की। संकाय सदस्यों ने कई किताबें लिखी और संपादित की हैं और नियमित रूप से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं के साथ-साथ नीति संक्षेप में शोध लेख भी प्रकाशित किए हैं। इसके अलावा, वे विभिन्न मंत्रालयों और संगठनों के सलाहकार के रूप में भी काम करते हैं। वर्तमान में, 25 पीएचडी विद्वान विभागीय संकाय की देखरेख में परिवार, जीवन पाठ्यक्रम, किशोरों और युवाओं, लिंग, उम्र बढ़ने, स्वास्थ्य और संबद्ध विषयों से संबंधित अंतर-विषयक पहलुओं पर काम कर रहे हैं।

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