लोक स्वास्थ्य और मृत्यु अध्ययन विभाग

विभाग की स्थापना 1986 में हुई थी, जब संस्थान को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा विश्वविद्यालय समतुल्य का दर्जा दिया गया था। वर्तमान में, विभाग में पांच संकाय सदस्य हैं, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य और मृत्यु दर अध्ययन के क्षेत्र में शिक्षण (स्नातकोत्तर और शोध छात्र), क्षमता निर्माण तथा अनुसंधान और जनसंख्या एवं स्वास्थ्य के अन्य क्षेत्रों में, जैसे प्रजनन स्वास्थ्य, लिंग, रुग्णता, पोषण, गुणात्मक तरीके, वैश्विक स्वास्थ्य, उम्र बढ़ना और कंप्यूटर अनुप्रयोग में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं।
पिछले कुछ वर्षों में, विभाग के संकाय सदस्यों ने सहकर्मी-समीक्षित पत्रिकाओं और पुस्तकों में प्रकाशनों के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण जनसंख्या और स्वास्थ्य-संबंधी अध्ययनों और कार्यक्रमों (राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय) में विशेषज्ञों या सलाहकारों और/या प्रमुख या सह-प्रमुख जांचकर्ताओं के रूप में भागीदारी के माध्यम से बहुत योगदान दिया है। इनमें से अधिकांश अध्ययन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, यूएनएफपीए, यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ, जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय और गेट्स फाउंडेशन, फोर्ड फाउंडेशन और जनसंख्या परिषद द्वारा प्रायोजित किए गए हैं।

 

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